अफगानिस्तान में भूकंप प्रभावित प्रांतों में आ रही बचाव कार्यों में चुनौतियां, हिंदू-सिख समुदाय ने बढ़ाया मदद का हाथ

Death toll jumps over to 1,400 as earthquake devastates eastern Afghanistan

KUNAR, AFGHANISTAN - SEPTEMBER 02: A view of severely damaged houses after a 6.0-magnitude earthquake struck Afghanistan's eastern Kunar province on September 02, 2025. The quake hit central Afghanistan on Sunday, killing at least 1,400 people and injuring 3,251 others, causing much devastation in the eastern provinces of Kunar and Nangarhar. (Photo by Haroon Sabawoon/Anadolu via Getty Images)

नई दिल्ली: अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप के बाद बचाव दल को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अफगानिस्तान के भूकंप प्रभावित प्रांतों में मानवीय सहायता कार्यकर्ताओं को संचार और संपर्क की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

हिंदू और सिख समुदाय के लोगों ने भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया

इस बीच, अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू और सिख समुदाय के लोगों ने भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। उन्होंने पूर्वी प्रांतों में भूकंप पीड़ितों के लिए राहत सामग्री भेजी है। काउंसिल ऑफ हिंदू एंड सिख माइनॉरिटीज ऑफ अफगानिस्तान के अध्यक्ष मंजीत सिंह लांबे ने स्थानीय मीडिया को बताया कि अफगानिस्तान के सिखों ने विदेशों में रहने वाले प्रवासी समुदायों और विश्व हिंदू संघ के साथ मिलकर भूकंप पीड़ितों के लिए मानवीय सहायता भेजी है।

जलालाबाद में सिख गुरु, गुरु नानक ने किया था दौरा

इस तबाही का सामना करने वाले शहरों में जलालाबाद भी शामिल है, जहां सिख गुरु गुरु नानक ने दौरा किया था। इस शहर में गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार स्थित है। वर्तमान में अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदुओं और सिखों की सटीक संख्या उपलब्ध नहीं है। यूरोपीय संघ एजेंसी फॉर एसाइलम के अनुसार, 1970 के दशक में इनकी संख्या सात लाख से अधिक थी, जो 2021 के अंत तक घटकर लगभग 150 रह गई थी।

सिख और हिंदू संगठन की वेबसाइट पर एक पोस्ट के अनुसार, 2019 में अब भंग हो चुके अफगानिस्तान के स्वतंत्र निर्वाचन आयोग ने देशभर में 1,105 सिख और हिंदू मतदाताओं को दर्ज किया था, जिनमें से 759 काबुल, 342 नंगरहार प्रांत और केवल चार हेलमंद में थे।

भूकंप से सैकड़ों-हजारों लोग प्रभावित

संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि भूकंप से सैकड़ों-हजारों लोग प्रभावित हो सकते हैं। रविवार को आए भूकंप के बाद पहले 24 घंटों में राहत और बचाव कार्यों तक पहुंच ‘बेहद सीमित’ रही। भूकंप के कारण हुए भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से बचाव कार्य बाधित हुए। हाल की भारी बारिश के कारण पहले से ही कुछ सड़कें भूस्खलन से अवरुद्ध थीं।

इसके बाद से क्षेत्र में कई झटके (आफ्टरशॉक्स) भी महसूस किए गए। रविवार को पाकिस्तान सीमा के पास 6.0 तीव्रता का पहला भूकंप आया और दो दिन बाद मंगलवार को 5.2 तीव्रता का एक और झटका लगा।

तालिबान शासन ने वैश्विक समुदाय से सहायता की अपील की

प्रतिबंधों और सहायता में कटौती का सामना कर रहे तालिबान शासन ने वैश्विक समुदाय से सहायता की अपील की है। अब तक 40 देश काबुल के साथ बातचीत कर रहे हैं, लेकिन केवल रूस ने तालिबान शासन को मान्यता दी है। भारत ने पहले ही 1,000 टेंट और 15 टन खाद्य सामग्री सहित मानवीय सहायता भेजी है। नई दिल्ली ने काबुल को दवाइयों और खाद्य आपूर्ति में निरंतर सहायता का आश्वासन दिया है।