इजरायल की सख्ती से कांप उठा हमास, लड़खड़ाते युद्धविराम के बीच दो बंधकों के शव सौंपे

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इजरायल: इजरायल की सेना ने गुरुवार को घोषणा की कि फलस्तीनी आतंकवादियों ने गाजा में दो ताबूत सौंपे हैं, जिनमें मृत बंधकों के अवशेष रखे हुए हैं। ये ताबूत रेड क्रॉस को दिए गए थे। संघर्षविराम शुरू होने के बाद से अब तक उग्रवादियों ने 15 बंधकों के शव लौटा दिए हैं, जबकि 13 अन्य बंधकों के अवशेष अभी भी बरामद होने बाकी हैं। 10 अक्टूबर से लागू इस संघर्षविराम का मुख्य लक्ष्य इजरायल और हमास जैसे आतंकी संगठनों के बीच चले अब तक के सबसे घातक और तबाही मचाने वाले युद्ध को खत्म करना है। इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने बताया कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों के शवों से भरे दो ताबूत रेड क्रॉस के जरिए सैनिकों तक पहुंचाए जा रहे हैं। यह घटना इजरायल के हवाई हमलों के ठीक एक दिन बाद घटी, जिसमें गाजा में कम से कम 104 लोग मारे गए थे। दोनों पक्षों ने युद्धविराम तोड़ने का आरोप एक-दूसरे पर लगाया।

बुधवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने हमास द्वारा इस हफ्ते एक मृत बंधक के अवशेष सौंपने में देरी के कारण युद्धविराम का उल्लंघन मानते हुए हमले का आदेश दिया था। इजरायल के अनुसार, बंधक के कुछ आंशिक अवशेष पहले ही मिल चुके थे। इसी दौरान गाजा के रफाह शहर में हुई गोलीबारी में एक इजरायली सैनिक शहीद हो गया। हमास ने इस गोलीबारी में किसी भूमिका से इनकार किया और इजरायल पर युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करने का इल्जाम लगाया। संगठन ने चेतावनी दी कि हमलों के चलते वह अन्य बंधकों के शव इजरायल को सौंपने में और देरी करेगा।

दूसरी तरफ, नेतन्याहू ने अवशेष लौटाने में विलंब को युद्धविराम समझौते का ‘साफ उल्लंघन’ करार दिया। इजरायली अधिकारियों ने गाजा में एक सैन्य ड्रोन से रिकॉर्ड किए गए 14 मिनट के संपादित वीडियो को सार्वजनिक किया, जिसमें हमास पर सोमवार को अवशेषों की तलाश का नाटक रचने का आरोप लगाया गया। इजरायल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओरेन मार्मोरस्टीन ने कहा कि हमास को अपने युद्धविराम उल्लंघनों के नतीजों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने हमलों में भारी जानमाल की हानि के लिए हमास द्वारा आम नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने को जिम्मेदार ठहराया। फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार रात के हमलों में कुल 104 मौतों की पुष्टि की। मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों से 253 अन्य लोग घायल हुए, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। मृतकों में 46 बच्चे भी थे।