चिनार पुस्तक महोत्सव : कश्मीर के इतिहास में एक नये अध्याय की शुरुआत

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शनिवार को कश्मीर घाटी में अब तक के सबसे बड़े पुस्तक मेले का आगाज हो गया है। डल झील के किनारे एसकेआईसीसी, श्रीनगर के विशाल प्रांगण में नौ दिवसीय चिनार पुस्तक महोत्सव के पहले दिन पाँच हजार से अधिक पाठकों ने शिरकत की। उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम युवा मेंटरशिप स्कीम के तहत चयनित जम्मू—कश्मीर के युवा लेखकों डॉ. ताहीर अहमद, कुपवाड़ा की रोकाया रजब, बारामुला की शाइस्ता और कठुआ की भारती देवी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (एनबीटी) की 11 द्विभाषी किताबों का विमोचन भी किया गया। ये किताबें अंग्रेजी—कश्मीरी और अंग्रेजी—डोगरी में प्रकाशित की गई हैं।
17 से 25 अगस्त तक आयोजित पहले चिनार पुस्तक महोत्सव के उद्घाटन समारोह में श्रीनगर के उपायुक्त डॉ. बिलाल मोहिउददीन भट, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेज (जीएडी) जम्मू और कश्मीर के कमिश्नर सेक्रेटरी संजीव वर्मा आईएएस, कश्मीर विश्वविद्यालय की वीसी प्रो. निलोफर खान और आईसीएचआर के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. रघुवेंद्र तंवर भी मौजूद थे। पुस्तक महोत्सव के आयोजक नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के अध्यक्ष प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे ने कहा, ”यह महोत्सव एनबीटी का ही नहीं, श्रीनगर की जनता का उत्सव है। कश्मीर प्राचीन समय से ज्ञान का केंद्र रहा है। आज कश्मीर का हर युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए लालायित है, ऐसे में उसका साथ पुस्तकें ही देंगी। ज्यादा से ज्यादा युवा इस पुस्तक महोत्सव से जुड़ेंगे, यही एनबीटी, इंडिया और डि​स्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की कोशिश है।” श्रीनगर के उपायुक्त डॉ. बिलाल मोहिउददीन भट ने कश्मीर घाटी में पुस्तक मेले को अपना ख्वाब बताया। उन्होंने कहा, ”चिनार पुस्तक महोत्सव किताबों के नजरिये से ही नहीं, घाटी की संस्कृति, भाषा, कला हर तरह से यहाँ की आवाम के लिए अहम है। पुस्तकें जीवन बदल देती हैं। यह मैंने खुद आजमाया है।” डॉ. बिलाल ने चिनार को कश्मीर के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक महोत्सव को सफल बनाने के लिए इसका नाम चिनार पर रखा गया है। नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने कहा, ”यह बहुत खुशी की बात है कि हम काफी लंबे समय से प्रयास कर रहे थे कि कश्मीर में ऐसा कार्यक्रम हो, जिससे बड़ी तादाद में जुड़ सकें और उस कार्यक्रम से जुड़कर युवा अपने भविष्य की परिकल्पना कर सकें, उसके लिए चिनार पुस्तक महोत्सव का आयोजन किया गया है। एनसीपीयूएल के साथ मिलकर आयोजित किए गए इस पुस्तक मेले में पाठकों को उर्दू भाषा की किताबों का एक बहुत बड़ा संकलन यहाँ मिलेगा। किताबों को जन्नत कहा गया है और कश्मीर को भी जन्नत कहा गया है। पाठकों को यहाँ दोनों का संगम देखने को मिलेगा।”
चिनार पुस्तक महोत्सव का पहला दिन बच्चों के लिए बहुत खास रहा। उनके लिए कथा वाचन, कैरीकेचर वर्कशॉप और ‘माय कंट्री, माय प्राइड’ पर ड्राइंग कॉम्पटीशन का आयोजन किया गया। यहाँ ‘चिनार टॉक्स’ का भी एक मंच बड़े—बड़े साहित्यकारों, लेखको से बातचीत करने के लिए है। शनिवार को यहाँ वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर गिरीश नाथ झा ने उच्च शिक्षा में तकनीकी शब्दावली के महत्व पर अपने विचार रखे। शाम के समय युवाओं ने डल झील के ​किनारे नुपूर पंत के गानों का लुत्फ उठाया। इस तरह के साहित्यिक और सां​स्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन यहाँ रोज किया जाना है। रविवार को यहाँ बच्चों के लिए डोगरी भाषा में कहानी वाचन, कैलिग्राफी वर्कशॉप और कश्मीरी लोकनृत्य का आयोजन किया जाएगा। युवा मेहरान के गानों और बेंग्लुरू से आई स्टेम डांस कंपनी की परफॉर्मेंस का आनंद भी ले सकेंगे।
एसकेआईसीसी में आयोजित चिनार पुस्तक महोत्सव में पहुँचने वाले पाठकों के लिए क्लॉक टॉवर, घंटाघर से श्रीनगर स्मार्ट सिटी की पाँच नि:शुल्क बसें चलाई गई हैं, जो घंटाघर से चलकर वुमेंस कॉलेज, एमए रोड, डलगेट चॉक, नेहरू पार्क, बोलवर्ड रोड होते हुए एसकेआईसीसी पहुँचेगी। ये बसें सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक चलेंगी।