चमोली आपदा : चारों तरफ तबाही का मंजर, स्थानीय लोगों ने बताया- हालात काफी खराब

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चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बुधवार देर रात भारी बारिश और बादल फटने की घटना ने भयंकर तबाही मचाई है। इस घटना पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना की और राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया

स्थानीय लोगों ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए वहां के हालात बताए। उन्होंने बताया कि बारिश के बहाव में हमारे जानवर, गौशाला और घर बह गए हैं। अब हम लोगों के पास कुछ नहीं बचा हुआ है। हमारे इलाके में सभी का घर पानी के साथ बह गया, मार्केट भी नहीं बची है। उन्होंने बताया कि बादल फटने के बाद से यहां की स्थिति बिल्कुल खराब हो गई है। प्रशासन की तरफ से राहत और बचाव कार्य जारी है। बाढ़ की वजह से पूरे इलाके में तबाही मची हुई है।

लोगों ने बताया कि बारिश के बाद से पूरा रास्ता बंद हो गया है। लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर नहीं जा पा रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थान पर रहने की सलाह दी गई है। प्रशासन लगातार हम लोगों की सहायता कर रहा है।

बहुत से लोगों के लापता होने की सूचना

चमोली के नंदानगर में कुल 10 लोगों के लापता होने की सूचना है, जिसमें ग्राम कुंतरी लगा फाली के कुंवर सिंह पुत्र बलवंत सिंह (42 वर्षीय), कांता देवी पत्नी कुंवर सिंह (38 वर्षीय), विकास, विशाल, नरेंद्र सिंह, जगदंबा प्रसाद, भागा देवी और देवेश्वरी देवी शामिल हैं। इसके अलावा, धुरमा गांव के लापता लोगों में गुमान सिंह और ममता देवी शामिल हैं।

चमोली में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी

कल बुधवार देर रात अचानक हुई बारिश के कारण नंदा नगर में भारी मलबा आ गया, जिससे छह इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में चमोली में भारी बारिश की चेतावनी भी जारी की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बादल फटने के बाद कई निवासी अभी भी अपने घरों में फंसे हुए हैं।

आगे भी भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा

अधिकारियों ने लापता लोगों का पता लगाने के लिए जमीनी स्तर पर टीमें तैनात कर दी हैं, हालांकि आगे भी भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। हादसे में 10 से ज्यादा परिवार प्रभावित हुए हैं। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक चमोली, स्थानीय विधायक सहित तमाम अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया और आपदा से नुकसान का जायजा लिया।