केंद्र की बहुआयामी रणनीति देश की अर्थव्यवस्था में खपत को दे रही बढ़ावा : वित्त मंत्री

New Delhi: Winter Session of Parliament (Lok Sabha)

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने मांग को समर्थन देने वाले उपायों, आय को बढ़ाने वाली सप्लाई साइड रणनीतियों और स्ट्रक्चरल सुधारों के जरिए देश की इकोनॉमी में खपत को बढ़ावा देने के लिए एक बहुआयामी रणनीति अपनाई है।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर नई आयकर छूट, जीएसटी रेट में कटौती, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लगातार बढ़ावा देने, स्किलिंग, रोजगार सृजन और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मुद्रा और पीएम स्वनिधि जैसी योजनाओं के जरिए ऋण तक पहुंच को बढ़ावा देने वाले उपायों से देश की अर्थव्यवस्था में उपभोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि कई नीतिगत पहलों के जरिए सरकार ने ग्रामीण और शहरी उपभोग वृद्धि में बैलेंस बनाए रखने पर भी ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर शहरी क्षेत्रों में शहरी आजीविका और स्किलिंग प्रोग्राम, कर में राहत और डिजिटल पेमेंट का विस्तार शहरी क्षेत्रों में उपभोग को बढ़ा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर, पीएम-किसान, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, पीएम आवास योजना (ग्रामीण), कृषि-उत्पादकता मिशन और स्वयं सहायता समूह-आधारित आजीविका पहल जैसेकार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक आय वृद्धि सुनिश्चित कर रहे हैं।

सीतारमण ने कहा कि मजबूत होती उपभोग मांग घरेलू आय को समर्थन निजी निवेश को प्रोत्साहन और इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट करती है, जिससे समग्र इकोनॉमिक एक्टिविटी पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, जीडीपी में निजी अंतिम उपभोग व्यय का शेयर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 62.5 प्रतिशत हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 25 की समान अवधि के 62.2 प्रतिशत शेयर से बढ़त को दर्शाता है। जबकि इसी अवधि के दौरान स्थिर मूल्य के संदर्भ में इसकी वृद्धि बढ़कर 7.9 प्रतिशत हो गई है, जो कि पहले 6.9 प्रतिशत थी।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी 8.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो कि वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही की जीडीपी वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर से काफी अधिक है। यह देश की अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि की गति को दर्शाता है।