ऑनलाइन कार खरीदना कारोबारी को पड़ा महंगा, 5 लाख की धोखाधड़ी

मुरादाबाद: एक कारोबारी से ऑनलाइन कार बिक्री करने वाली कंपनी कार्स-24 के जरिये साढ़े पांच लाख रुपये का फर्जीवाड़ा कर लिया। आरोप है कि कंपनी के कर्मचारियों ने बैंक कर्मियों और अन्य लोगों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर चोरी की गाड़ी बेच दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
छजलैट क्षेत्र के भीकनपुर असदलपुर निवासी शाहनवाज उस्मानी ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि वह पुरानी कारों की खरीद-फरोख्त का काम करते हैं और कार्स-24 के पंजीकृत चैनल भागीदार हैं। उन्होंने फरवरी 2025 में कंपनी की वेबसाइट पर एक स्विफ्ट वीएक्सआई कार देखी। इसके लिए उन्होंने 13 फरवरी 2025 को पांच लाख 6 हजार 400 94 रुपये कंपनी के आईसीआईसीआई बैंक खाते में जमा किए थे।
कर्मचारी चांदनी खातून और एक अन्य कर्मचारी अमित शुक्ला के माध्यम से यह सौदा तय हुआ था। कंपनी ने उन्हें गाड़ी के कागज़ भेजे, जिनमें स्वामी का नाम सुभाषचंद्र निवासी टीपी नगर मेरठ दर्ज था लेकिन जब उन्होंने कार अपने नाम ट्रांसफर कराने का प्रयास किया तो वाहन स्वामी के मोबाइल नंबर पर संपर्क नहीं हो सका। जांच करने पर पता चला कि असली कार अभी भी वास्तविक मालिक सुभाषचंद्र के पास है और उसने कभी गाड़ी बेची ही नहीं।

उसने यह भी बताया कि उसका कोटक महिंद्रा बैंक, यमुना विहार दिल्ली में कोई खाता नहीं है, जबकि कंपनी ने दावा किया था कि गाड़ी की रकम उसी खाते में भेजी गई है। पीड़ित ने आरोप लगाया कि कंपनी ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इंजन और चेसिस नंबर बदलकर चोरी की गाड़ी बेच दी। इस साजिश में कार्स-24 के कर्मचारी, बैंक कर्मी और आरटीओ कार्यालय के कुछ लोग भी शामिल हैं। इस संबंध में थाना सिविल लाइंस के प्रभारी निरीक्षक मनीष सक्सेना ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
