ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना ने बदली रणनीति, घात लगाकर हमला करने वाले आतंकियों का होगा काम तमाम

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नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जंगलों में छिपे आतंकियों को ढेर करने के लिए नई रणनीति तैयार की गई है। सेना अब इन आतंकियों को जंगलों से निकल घात लगाकर हमला करने का मौका नहीं देगी। घात लगाकर हमला करने वाले आतंकियों का सफाया सेना उसी तरह करेगी। सेना ने नियंत्रण रेखा और बाॅर्डर से कश्मीर को जोड़ने वाले आतंकियों के सभी रूट चिह्नित कर लिए हैं। इन्हीं रूट पर सेना अब कार्रवाई कर रही है। जानकारी सामने आई है कि जम्मू संभाग में 45 से 50 आतंकी सक्रिय हैं। इनमें 90 से 95 फीसदी तक पाकिस्तानी हैं।

आतंकी भाग निकलें तो भी जारी रहेगा ऑपरेशन

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि कठुआ, राजोरी, पुंछ, उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़, रामबन में आतंकियों की मौजूदगी है। इन आतंकियों का सफाया करने के लिए सेना ने आक्रामक रणनीति पर काम शुरू किया है। चिह्नित किए गए रूट पर सेना घात लगा रही है। आतंकी जैसे ही अपने छिपने वाले स्थल से बाहर आएंगे, उनका काम तमाम कर दिया जाएगा।

ऑपरेशन तब तक चलेगा, जब तक उनका अंत नहीं हो जाता

नई रणनीति के तहत मुठभेड़ के दौरान आतंकी भाग निकलें तो भी सेना मोर्चा नहीं छोड़ेगी। उस क्षेत्र को तब तक घेरे रखा जाएगा, जब तक कि आतंकियों का सफाया नहीं हो जाता। यह भी बताया जा रहा है कि जंगलों में छिपकर बैठे आतंकियों को अब रिहायशी और मैदानी इलाकाें में नहीं आने दिया जा रहा। इनको एक तरह से घेर लिया गया है। घेरे से बाहर आते ही आतंकी मार गिराए जाएंगे।

कई जगह घेरे में आतंकी

सेना ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने उधमपुर के बसंतगढ़, किश्तवाड़ के छात्रू और राजोरी के केरी में अभियान चलाए। सूत्रों का कहना है कि इन सभी जगहों पर आतंकियों से सामना हुआ। भले ही एक आतंकी मारा गया हो, लेकिन बचे हुए आतंकियों को घेरे रखा गया है।

कटड़ा-बारामुला रेल लिंक की सुरक्षा में भी सेना

श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर भी सेना ने सतर्कता बढ़ाई है। कटड़ा-बारामुला रेल लिंक की सुरक्षा को लेकर भी सेना अलर्ट है। इस ट्रैक पर 6 जून से ट्रेन सेवा शुरू हुई है।