यूपी में 100 से 500 वर्ग मीटर तक बनाना है मकान तो नो टेंशन, अब आसानी से पास होंगे नक्शे
लखनऊ: यूपी के सभी जिलों में अब 100 से 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक में बनाए जाने वाले मकानों के नक्शे आसानी से पास हो जाएंगे। इस फैसले से विकास प्राधिकरणों या अन्य स्थानीय नगर निकायों के इंजीनियरों की नुक्ताचीनी बंद हो जाएगी। न तो उन्हें खिड़की और एयर वेंटिलेशन जांचकर नक्शा रोकने का अधिकार होगा और न ही किचन में झांकने की अनुमति होगी। एक दिसंबर से लांच किए जाने वाले पोर्टल ‘फास्ट पास’ के जरिए अपलोड नक्शों का वह तीन पैरामीटर ही चेक कर सकेंगे।
नए फैसले के तहत पुराने पोर्टल ‘ओबीपास’ का सॉफ्टवेयर बंद हो जाएगा। सिर्फ ‘फास्ट पास’ पर ही नक्शे अपलोड होंगे। इसमें विकास प्राधिकरणों के भवन विभाग या नगर नियोजन के इंजीनियरों को सिर्फ सेट बैक, मकान की ऊंचाई और एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) जांचने का ही अधिकार होगा। अगर सरकारी आवासीय योजनाओं के भूखंड नहीं होंगे तो राजस्व से सिर्फ इसका एनओसी लेना होगा कि जिस जमीन पर नक्शे के लिए आवेदन किया गया है वो सरकारी या अर्जित जमीन तो नहीं है? किसी प्रकार का विवाद तो उस पर नहीं है?
खतौनी में आवेदनकर्ता मालिक है या नहीं। अगर प्राधिकरण या आवास विकास के प्लॉट होंगे तो राजस्व से एनओसी की कोई जरूरत नहीं होगी। नक्शा पास करने में सीढ़ियां, ओपन टू स्काई, पार्किंग, बालकनी और रूम साइज जैसे 10 पैरामीटर नए पोर्टल की जांच के दायरे में नहीं होंगे। 100 से 500 वर्ग मीटर तक के मकानों के नक्शों को मीडियम रिस्क की श्रेणी में रखा गया है। नक्शे का जो पीडीएफ आर्किटेक्ट अपलोड करेंगे वह स्वत: स्वीकृत हो जाएगा। आर्किटेक्टों की जिम्मेदारी होगी कि वह मानक के अनुरूप नक्शे अपलोड करें।
इस श्रेणी में ये होगा सेट बैक
- 100 से 300 वर्ग मीटर तक : 03 मीटर फ्रंट, 1.5 मीटर बैक
- 300 से 500 वर्ग मीटर तक : 03 मीटर फ्रंट, 03 मीटर बैक
नोट : इस श्रेणी में साइड सेट बैक नहीं होगा। पूरा कवर कर सकते
खास बातों पर एक नजर
-न खिड़की चेक होगी न दीवार, किचन में झांकने की भी अनुमति नहीं होगी

-छज्जे की लंबाई-चौड़ाई तो छोड़िए सीढ़ियां भी चेक नहीं कर सकते जेई
-सिर्फ सेट बैक, घर की ऊंचाई और एफएआर होगा चेक, नक्शा हो जाएगा पास
-आर्किटेक्ट के बनाए नक्शों पर ही विकास प्राधिकरणों को करना होगा भरोसा
क्या बोले टाउन प्लानर
केडीए के चीफ टाउन प्लानर मनोज कुमार ने बताया कि मौजूदा पोर्टल ओबीपास पर तमाम बंदिशों और पैरामीटर के कारण नक्शे जल्दी पास नहीं हो पाते थे। फास्ट पास में इस प्रक्रिया को लचीला बना दिया गया है ताकि लोगों की भागदौड़ बंद हो। सिर्फ तीन पैरामीटर में ही 100 से 500 वर्ग मीटर तक के नक्शों के आवेदन जांचे जाएंगे, फिर स्वत: स्वीकृत होंगे।

