व्हीलचेयर पर वर्ल्ड कप जीत का जश्न मनाने पहुंच गईं प्रतिका रावल, टूर्नामेंट में बनाए थे 308 रन

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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार 2 नवंबर को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी उठाई। हर एक भारतीय टीम के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण था। ऐसे में इंजर्ड होकर सेमीफाइनल से पहले टूर्नामेंट से बाहर होने वाली सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल भी कहां पीछे रहने वाले थीं। वह व्हीलचेयर पर ही स्टेडियम में पहुंची और खिताब जीतने के बाद मैदान पर नजर आईं। भारतीय टीम के साथ उन्होंने मस्ती की और कुछ खिलाड़ियों ने उनकी व्हीलचेयर ही उठा दी।

प्रतिका रावल भारतीय टीम के इस वर्ल्ड कप में स्मृति मंधाना के साथ डेजिगनेटेड ओपनर थीं। सेमीफाइनल से पहले आखिरी लीग मैच में प्रतिका का एंकल ट्विस्ट हो गया और टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। उनकी जगह शेफाली वर्मा आईं और सेमीफाइनल में फ्लॉप रहीं। हालांकि, फाइनल में वह हीरो थीं, क्योंकि प्लेयर ऑफ द फाइनल वही थीं। 6 पारियों में 308 रन प्रतिका ने बनाए थे। वह जब बाहर हुईं तो दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज इस टूर्नामेंट की थीं। वहीं, शेफाली ने फाइनल में 87 रनों की पारी खेली।

जैसे ही टीम जश्न में डूबी, न तो टीम रावल को भूली, न ही बल्लेबाज अपनी टीम को। वह बैसाखियों के सहारे जश्न में शामिल होते हुए समूह के साथ नजर आईं। बाद में, वह व्हीलचेयर पर तिरंगा लिए हुए इस पल का आनंद लेती और सब कुछ अपने अंदर समेटे हुए नज़र आईं। दृश्य भावुक थे, भावनाएं उमड़ रही थीं। हालांकि, रावल फाइनल में नहीं खेलीं, लेकिन उनकी उपस्थिति और योगदान कम नहीं था। यह टूर्नामेंट उनकी शानदार बल्लेबाजी और स्मृति मंधाना के साथ मिलकर शानदार शुरुआत देने के लिए याद किया जाएगा।

प्रतिका ने जीत के बाद कहा, “उनके लिए जीत का अहसास बहुत बड़ा है। इसको वह बयां नहीं कर पाएंगी। मेरे कंधे पर जो तिरंगा है, उसके मायने बहुत ज्यादा हैं। अपनी टीम के साथ यहां होना, यह अलग खुशी की बात है।” अपनी चोट को लेकर प्रतिका ने कहा, “इंजरी खेल का हिस्सा हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि मैं अब इस टीम का हिस्सा हूं और जीत की खुशी मना रही हूं। मैं इस टीम को प्यार करती हूं। इस टीम के लिए अपनी भावनाएं प्रकट नहीं कर पा रही हूं। मैं खुश हूं कि हमने इस विश्व कप को जीत लिया है।”