3 साल तक निवेश नहीं किया तो भूमि आवंटन रद्द करें, सीएम योगी ने एक्सप्रेस को लेकर भी दिए निर्देश

20OCt5_1760968609269_17609686127

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि निवेश योजनाओं में यदि तीन साल तक निवेश नहीं किया जाता है तो ऐसे मामलों में भूमि आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। अभी निवेश के लिए सात वर्ष का समय देने का प्रावधान है, जिसे बदला जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने मेरठ-हरिद्वार, नोएडा-जेवर, चित्रकूट-रीवा आदि सभी लिंक एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एनएचएआई के साथ समन्वय करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसी के साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को बीडा से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेसवे बनाने और आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को झांसी-बीडा तक बढ़ाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री बुधवार को उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) और बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने भूमि आवंटन नीति पर विशेष बल देते हुए कहा कि भूमि आवंटन के तीन वर्ष के भीतर यदि निवेशक द्वारा यथोचित उपयोग नहीं किया जाता है तो ऐसा आवंटन स्वतः निरस्त किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भूमि उपयोग की निगरानी की पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाए और निवेशक को केवल वास्तविक प्रगति की स्थिति में ही आगे की सुविधाएं दी जाएं। अभी तक सात वर्ष तक का समय दिए जाने का प्रावधान नीति में है, जिसे मुख्यमंत्री ने बदलने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार स्वरूप प्रस्तावित मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसे, नोएडा-जेवर लिंक एक्सप्रेसवे, चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे तथा प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र तक प्रस्तावित विंध्य एक्सप्रेसवे व विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के रूट पर विस्तृत से की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नए एक्सप्रेसवे की योजना बनाते समय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा प्रस्तावित एक्सप्रेसवे और हाइवे नेटवर्क का पूरा ध्यान रखा जाए, ताकि दोहराव से बचते हुए राज्य में एकीकृत और समन्वित सड़क तंत्र विकसित हो सके।

मुख्यमंत्री ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जुड़े सभी नोड्स (लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और चित्रकूट) में स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि डिफेंस कॉरिडोर के लिए अब तक लगभग 30,819 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। 5039 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है। विभिन्न कंपनियों द्वारा कार्य प्रारंभ भी किया जा चुका है।

बीडा में होगा एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क का विकास
दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने नवगठित बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) क्षेत्र में एयरपोर्ट निर्माण के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का बीडा/झांसी तक विस्तारीकरण किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, दिल्ली-चेन्नई की चतुर्थ रेलवे लाइन तथा बीडा क्षेत्र में रेलवे स्टेशन निर्मित करने की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने दिल्ली-नागपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर का एक नोड बीडा में विकसित करने की जरूरत बताते हुए बीडा क्षेत्र में एक मल्टीमोडल लॉजिस्टिक्स पार्क के निर्माण के भी निर्देश दिए। साथ ही, यूपीडा को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को बीडा से जोड़ने के लिए लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए एलाइनमेंट की प्रक्रिया तेजी से पूरी करने भी निर्देश दिए हैं।

बीडा में करें सिविल व इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की तैनाती
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अगले छह माह में अधिग्रहण की सारी कार्रवाई पूरी की जाए। इसके लिए एक सप्ताह के भीतर रजिस्ट्री व राजस्व से जुड़े अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती की जाए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास और सीईओ बीडा को यह निर्देश दिए कि अगले 15 दिवसों के भीतर बीडा में योग्य सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, टाउन प्लानर और आर्किटेक्ट की तैनाती कर दी जाए। बैठक में बताया गया कि कृषकों की सुविधा के लिए बीडा कार्यालय में कॉल सेंटर की स्थापना अगले माह से की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि आंतरिक सड़कों, सीवेज नेटवर्क, जल निकासी, स्टॉर्म वाटर प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट निस्तारण और पावर डिस्ट्रीब्यूशन से संबंधित कार्यों को मिशन मोड में आगे बढ़ाया जाए।