मुलायम सिंह की पुण्यतिथि पर अखिलेश ने दी श्रद्धांजलि,समाधि स्थल पर लगा चाहने वाला का तांता

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की आज तीसरी पुण्यतिथि है, सैफई स्थित समाधि स्थल पर भारी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं। इस दौरान सपा अध्यक्ष और उनके बेटे अखिलेश यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित किये। समाधि स्थल पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, सांसद रामजी लाल सुमन समेत कई बड़े नेता व परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे।

इस अवसर पर अखिलेश यादव ने कहा है कि आज के दिन हम सब लोग संकल्प लेते हैं कि नेताजी के बताए हुए रास्ते पर चलकर इस देश के किसान, मजलूम, अल्पसंख्यक, आदिवासी, मुसलमान भाइयों के लिए हमेशा संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि बहुत सारे फैसले नेताजी ने लिए हैं जिन फैसलों की वजह से समाज में बदलाव दिखाई देता है। मुख्य रूप से समाजवाद और सेकुलरिज्म को उन्होंने हर मौके पर मजबूत बनाने का काम किया, संविधान को बचाने के लिए हमेशा समाजवादी लोगों ने कहा कि संविधान ही संजीवनी है। वही समय समय पर हमारी ढाल बनता है, उसका संदेश जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प आज हम लोग लेते हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि इस स्थल पर जल्द ही दिवंगत नेता को समर्पित एक स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, यह नेताजी के नाम पर एक स्मारक होगा, जो पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और इसके माध्यम से, नेताजी अपने विचारों के रूप में हमारे बीच रहेंगे। वहीं राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा कि मुलायम सिंह यादव का भारत के समाजवादी आंदोलन में एक महत्वपूर्ण स्थान था। उन्होंने कहा, “मैं इसे कोई उपलब्धि नहीं मानता कि वे रक्षा मंत्री या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 1977 में जब सभी समाजवादी धड़े जनता पार्टी में विलीन हो गए, तब भारत में समाजवादी आंदोलन लगभग समाप्त हो गया था। लेकिन 1992 में मुलायम सिंह यादव ने देश भर के समाजवादियों को एकजुट करके समाजवादी पार्टी बनाई।” सुमन ने कहा, “जब तक दुनिया में लाचारी, बेरोजगारी और असमानता रहेगी, समाजवादी विचारधारा प्रासंगिक रहेगी।…इतिहास चाहे उनके (मुलायम सिंह के) बारे में चार पन्ने लिखे या चार पंक्तियां, भारत के समाजवादी आंदोलन में उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।”

वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि दिवंगत नेता का जनाधार उनकी पार्टी से कहीं आगे तक फैला हुआ था। उन्होंने याद किया,“अपने पूरे जीवन में, नेताजी ने कभी किसी की मदद से गुरेज नहीं किया – यहां तक कि दूसरी पार्टियों से भी नहीं। मैं इसका गवाह हूं कि जब भी वे मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने अपने सचिव को स्पष्ट निर्देश दिया कि अगर कोई भी, चाहे वह भाजपा, कांग्रेस या बसपा से हो, सच्चे काम के लिए आए या अपने रिश्तेदारों से संबंधित हो, तो उसकी बिना देर किए मदद की जाए,” राम गोपाल यादव ने कहा,“उन्होंने गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी और समाज के वंचित वर्गों को सम्मान दिया। जो लोग दिल्ली का रास्ता नहीं जानते थे, उन्हें उन्होंने सांसद बनाया, जो लखनऊ से अपरिचित थे, उन्हें उन्होंने विधायक बनाया,”।

उन्होंने आगे कहा कि मुलायम सिंह यादव ने हाशिए पर पड़े लोगों को “सिर ऊंचा करके चलने का सम्मान” दिया। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (1939-2022), तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के पूर्व रक्षा मंत्री रहे। राम मनोहर लोहिया से प्रेरित वरिष्ठ समाजवादी नेता को अपने गहरे जमीनी जुड़ाव और पिछड़े वर्ग की लामबंदी के लिए जाना जाता था। अपने पांच दशक के राजनीतिक जीवन में, यादव ने कई बार विधायक और सांसद दोनों के रूप में कार्य किया। 10 अक्टूबर 2022 को 82 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार सैफई में किया गया।