शरीर में दिखने लगें ये 5 लक्षण, तो समझ जाएं लिवर पर जमने लगा है फैट

आजकल फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खान-पान में प्रोसेस्ड फूड्स शुगर और सोडा जैसी चीजों की मात्रा बढ़ना साथ ही एक्सरसाइज की कमी फैटी लिवर की समस्या को तेजी से बढ़ा रही है। ऐसे में इसके शुरुआती लक्षणों (Early Signs of Fatty Liver) की पहचान करना जरूरी है ताकि बीमारी को बढ़ने से रोका जा सके।

जंक फूड्स, शुगरी ड्रिंक्स, स्ट्रेस, नींद और एक्सरसाइज की कमी हमारी मॉडर्न लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुके हैं। इसका सीधा असर हमारे लिवर पर पड़ता है। यहीं कारण है कि आजकल लिवर से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इन परेशानियों में सबसे कॉमन फैटी लिवर (Fatty Liver) डिजीज है।

फैटी लिवर तब होता है, जब लिवर के सेल्स में एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाता है। खतरनाक बात यह है कि यह काफी धीरे-धीरे बिना किसी साफ शुरुआती लक्षण के बढ़ता है। इसलिए इसका पता तब तक नहीं लग पाता, जब तक बीमारी गंभीर नहीं हो जाती। हालांकि, इसके शुरुआती लक्षण (Early Symptoms of Fatty Liver) ठीक से समझ नहीं आते, लेकिन फिर भी शरीर कुछ संकेतों के जरिए चेतावनी जरूर देता है। अगर इन्हें समय पर पहचान लिया जाए, तो फैटी लिवर को बढ़ने से रोका जा सकता है। आइए जानें क्या हैं वे लक्षण।
ज्यादा मीठा खाने की तेज इच्छा
अचानक से मीठा खाने की इच्छा होना केवल स्वाद का मामला नहीं, बल्कि यह लिवर के स्वास्थ्य का संकेत भी हो सकता है। फैटी लिवर की स्थिति में लिवर शुगर को सही तरीके से प्रोसेस नहीं कर पाता, जिससे ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव होता है। इसी कारण शरीर को तुरंत एनर्जी की जरूरत होती है, जो मीठा खाने से पूरी होती है। अगर आपको बिना कारण लगातार मीठा खाने का मन करे, तो यह फैटी लिवर का लक्षण हो सकता है।
पेट में ब्लोटिंग और अपच
लगातार ब्लोटिंग, गैस या अपच की शिकायत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। फैटी लिवर लिवर के फंक्शन को धीमा कर देता है, जिससे बाइल जूस का सीक्रेशन प्रभावित होता है। बाइल जूस फैट को पचाने में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से खाना ठीक से नहीं पचता और पेट में भारीपन, गैस और ब्लोटिंग की समस्या होने लगती है।

ब्रेन फॉग या फोकस में कमी
अगर आपको लगातार कन्फ्यूजन, याददाश्त कमजोर होना या फोकस करने में दिक्कत हो रही है, तो इसे केवल तनाव न समझें। लिवर शरीर से टॉक्सिन्स निकालने का काम करता है। लेकिन फैटी लिवर होने पर यह प्रक्रिया बाधित होती है और टॉक्सिन्स खून में घुलकर दिमाग तक पहुंच सकते हैं। इसका सीधा प्रभाव हमारी सोचने-समझने की शक्ति पर पड़ता है, जिसे ब्रेन फॉग कहते हैं।
लगातार थकान और कमजोरी
बिना किसी शारीरिक मेहनत के भी अगर आप पूरे दिन थका हुआ और सुस्त महसूस करें, तो यह फैटी लिवर का गंभीर संकेत है। लिवर शरीर की एनर्जी को स्टोर और मैनेज करने का काम भी करता है। जब लिवर पर एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाता है, तो यह ठीक से काम नहीं कर पाता। जिसके कारण शरीर को भरपूर मात्रा में एनर्जी नहीं मिल पाती और व्यक्ति हमेशा थकान महसूस करता है।

त्वचा पर रैशेज, खुजली और अन्य समस्याएं
त्वचा हमारे अंदरूनी स्वास्थ्य का आईना होती है। फैटी लिवर की स्थिति में लिवर खून में मौजूद टॉक्सिन्स को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाता। इन टॉक्सिन्स के कारण त्वचा पर रैशेज, खुजली या रेडनेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।