कानपुर के एसीएमओ डॉ.सुबोध यादव सस्पेंड, डिप्टी सीएम के आदेश पर हुआ ऐक्शन
यूपी के कानपुर में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. सुबोध यादव आखिर मंगलवार को निलंबित हो गए। भ्रष्टाचार के आरोप में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आदेश के 13 दिन बाद उनके खिलाफ कार्रवाई हो पाई। बीती 24 जुलाई को निलंबन के आदेश पर अमल करते हुए प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने इस आशय का पत्र जारी किया। इसके बाद विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई। मौजूदा समय में डॉ सुबोध प्रकाश डीटीओ का जिम्मा संभाल रहे थे।
डॉ. सुबोध प्रकाश यादव वर्ष 2003 में अलीगढ़ से तबादला होकर कानपुर नगर में परामर्शदाता के पद पर आए थे। वर्ष 2019 में उनकी पदोन्नति हुई और उन्हें कानपुर नगर में ही एसीएमओ बना दिया गया। उनके खिलाफ यह कार्यवाही विभिन्न सप्लायरों से साठगांठ करते हुए वित्तीय अनियमितताएं करने के आरोप में की गई है। आरोप है कि नवंबर 2024 में उन्होंने फार्मासिस्ट अवनीश शुक्ल, डॉ. वंदना सिंह और वरिष्ठ वित्त और लेखाधिकारी के साथ मिलकर मेसर्स जेएम फार्मा से मिलकर जेम पोर्टल और अभिलेखों में हेराफेरी कर घटिया सामग्री खरीदी। इसमें 1.60 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
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मामला खुलने के बाद सीएमओ ने इसकी जांच करवाई। जांच में डॉ. यादव को दोषी माना गया। एसीएमओ के निलंबन के बाद कहा जा रहा है कि आरोपी चीफ फार्मासिस्ट और वरिष्ठ वित्त और लेखा अधिकारी के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी। चीफ फार्मासिस्ट अब रिटायर हो चुके हैं। सीएमओ हरिदत्त नेमी ने डॉ.सुबोध के निलंबन की पुष्टि की है। वह महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।

लगा था ये आरोप
निलंबन में लगाए गए आरोपों के मुताबिक अक्तूबर 2024 में एक फर्म को प्रपत्र अधूरे होने के बाद भी बिड के लिए सफल घोषित कर दिया गया। उसी साल नवंबर महीने में फर्म द्वारा निर्धारित समय पर आपूर्ति न करने पर रविवार के दिन मनमाने तरीके से नया क्रयादेश जारी कर आपूर्ति करने का अतिरिक्त समय दे दिया गया। प्राप्त सामग्रियों के बैच नंबर में भी भिन्नता पाई गई। इसके बाद दिसंबर 2024 में भ्रष्टाचार में लिप्त फर्म को भुगतान किए जाने का प्रयास किया गया था।

