अमरनाथ यात्रा पर बारिश का ब्रेक, प्रशासन ने श्रद्धालुओं की आवाजाही पर लगाई रोक

Ganderbal: A view of the pilgrims standing in queues during their Amarnath Yatra at Baltal in Ganderbal district on Wednesday, July 13, 2022.  (Photo: Nisar Malik /IANS)

Ganderbal: A view of the pilgrims standing in queues during their Amarnath Yatra at Baltal in Ganderbal district on Wednesday, July 13, 2022. (Photo: Nisar Malik /IANS)

नई दिल्ली: भारी बारिश के चलते अमरनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। आज गुरुवार को जम्मू से कोई भी तीर्थयात्री काफिला कश्मीर की ओर रवाना नहीं होगा। अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम को देखते हुए एहतियात के तौर पर यह फैसला लिया गया है। जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से किसी भी काफिले को बालटाल या नुनवान (चंदनवाड़ी) की ओर नहीं भेजा जाएगा।

जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने कहा, “यात्रा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बेस कैंप से तीर्थयात्रियों की आवाजाही प्रभावित हुई है। इसलिए 31 जुलाई को कोई भी काफिला रवाना नहीं होगा। तीर्थयात्रियों को समय-समय पर स्थिति की जानकारी दी जाएगी।” कश्मीर संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि हाल ही में हुई भारी बारिश से पहलगाम मार्ग पर नुकसान हुआ है और वहां मरम्मत व रखरखाव कार्य की जरूरत है। यात्रा 1 अगस्त से बालटाल मार्ग से फिर से शुरू होगी।

गौरतलब है कि 30 जुलाई को भी बारिश के कारण दोनों प्रमुख आधार शिविरों-बालटाल और चंदनवाड़ी (नुनवान) से तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई थी। इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई थी और 9 अगस्त को समाप्त होगी। अब तक 3.93 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। पहलगाम मार्ग की दूरी करीब 46 किलोमीटर है, जिसमें तीर्थयात्रियों को चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए चार दिनों में गुफा तक पहुंचना होता है। वहीं बालटाल मार्ग अपेक्षाकृत छोटा (14 किलोमीटर) है और तीर्थयात्री एक ही दिन में गुफा के दर्शन कर लौट सकते हैं। इस बार सुरक्षा कारणों से यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं है।

अमरनाथ की यात्रा हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थों में से एक मानी जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव ने इसी गुफा में माता पार्वती को अमरता और शाश्वत जीवन का रहस्य बताया था।