गुजरात हादसा: चश्मदीदों ने बताया दर्द, पलभर में देखी तबाही; 15 शव बरामद, 4 लापता

अहमदाबाद: गुजरात के वडोदरा जिले में महिसागर नदी पर बने 45 साल पुराने गंभीरा पुल के टूटने से दिल दहला देने वाला हादसा हुआ है। पुल टूटते ही पांच वाहन नदी में समा गए, जिनमें से अब तक 15 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 4 अन्य लोग अभी भी लापता हैं। घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई थी दृश्य अभी भी भयानक बने हुए है। स्थानीय लोगों भी बचाव कार्य में अपनी भूमिका निभा रहे है। हादसे के चश्मदीदों ने जो आंखों-देखी सुनाई, वह बेहद भयावह और दर्दनाक है।
गंभीरा पुल 1981-82 में उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम द्वारा बनाया गया था। 2015 में इसे जर्जर घोषित किया गया था और तब इसकी बेयरिंग बदली गई थी। स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन को पुल की मरम्मत की मांग की थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। हादसे के वक्त पुल पर दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा चल रहे थे। एक टैंकर पुल के टूटे हिस्से पर अटक गया, जिससे बड़ा नुकसान और बढ़ सकता था।
मरम्मत की मांग के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि हादसे के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। लोगों ने कई बार पुल की मरम्मत के लिए शिकायतें दर्ज करवाई थीं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय युवक अतुल पढियार और उनके साथियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर नदी में कूदकर कई लोगों की जान बचाई। उन्होंने बताया कि एक महिला को डूबते देखा तो बिना देर किए उसे बाहर निकाला। जो ड्राइवर घायल अवस्था में थे उन्हें अस्पताल भेजा गया।
चश्मदीदों की आंखों देखी पल भर में तबाही के मंजर
हादसे में बचे राजूभाई अथिया ने बताया कि वे और उनका दोस्त बाइक से जा रहे थे तभी पुल अचानक ढह गया। वे बाइक समेत नदी में गिर गए, राजू किसी तरह बाहर निकले, पर उनका दोस्त लापता है। वहीं, महेशभाई परमार ने बताया कि बाइक पंक्चर होने के कारण उनकी जान बच गई, क्योंकि वे पुल से कुछ गाड़ियों पीछे थे। चश्मदीद संजयभाई चावड़ा ने कहा कि अचानक ब्रेक नहीं लगाते तो हम भी पुल के साथ नीचे गिर जाते।