हम अब भी अलर्ट, कोई चूक हुई तो… युद्धविराम के बीच ईरान के राजदूत की चेतावनी

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नई दिल्ली: पिछले महीने ईरान और इजरायल के बीच भड़की जंग के चलते मिडिल ईस्ट में कई दिनों तक हालात बेहद तनावपूर्ण रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति जताई। अब भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया है कि ईरान ने कभी इजरायल से युद्धविराम की मांग नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान पूरी तरह से सतर्क है और किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।

भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा कि अगर आप ईरान द्वारा किए गए हमलों और आत्मरक्षा में चलाए गए सैन्य अभियानों को देखें, तो इनकी तीव्रता समय के साथ बढ़ती गई थी। पहले और आखिरी दिन के हमलों की तुलना करें तो अंतर साफ नजर आता है। हम पूरी तरह तैयार थे युद्ध को आगे बढ़ाने और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए। वहीं, इजरायल के पास इसे लंबे समय तक खींचने की क्षमता नहीं थी, इसलिए वह अपने उद्देश्यों में सफल नहीं हो पाया। जब उसने आक्रामक कार्रवाई बंद की, तो ईरान ने भी अपनी प्रतिक्रिया रोक दी।

इज़रायल पर नहीं है विश्वास
इलाही ने आगे कहा, “इज़रायल अक्सर युद्धविराम का उल्लंघन करता आया है। आपने देखा होगा कि उसने गाज़ा और लेबनान में कई बार युद्धविराम समझौतों को तोड़ा है। ऐसे में वह किसी भी युद्धविराम को लेकर न तो भरोसेमंद है और न ही प्रतिबद्ध। इसी वजह से हम पूरी तरह सतर्क हैं और हर संभावित हालात का सामना करने के लिए तैयार हैं।” दोनो देशों में बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच संघर्षविराम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को बधाई, इजरायल और ईरान इस पर सहमत हो गए हैं कि दोनों देश अपने-अपने सैन्य मिशन पूरे करने के करीब छह घंटे बाद 12 घंटे के लिए पूरी तरह युद्धविराम लागू करेंगे। इसके बाद इसे युद्ध का अंत माना जाएगा।

अमेरिका के आने से बढ़ गया था तनाव
गौरतलब है कि ईरान और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान अमेरिका ने भी हस्तक्षेप करते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे। बी-2 बॉम्बर विमानों की मदद से अमेरिका ने ईरान के तीन अहम ठिकानों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया, जिससे क्षेत्र में तनाव और भी अधिक बढ़ गया।