FD नहीं म्यूचुअल फंड में बढ़ रहा लोगों का विश्वास, जून में 24 प्रतिशत उछला निवेश

नई दिल्ली : पिछले कई सालों से निवेश के लिए कई प्रकार देखे जा सकते हैं। अब लोग ज्यादा रिटर्न के कारण फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने की जगह म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। हाल ही में कुछ आंकड़ों के अनुसार जानकारी पता चली है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड यानी एमएफ में नेट इंवेस्टमेंट जून के महीने में 24 प्रतिशत से बढ़कर 23,587 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें लगातार 5 महीने से जारी निकासी का सिलसिला अब टूटा है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया यानी एम्फी ने बुधवार को कहा कि लगातार 52वें महीने म्यूचुअल फंड योजनाओं में नेट फ्लो पॉजिटिव बना रहा है जो इंवेस्टर्स के निरंतर विश्वास को दर्शाता है। एम्फी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी म्यूचुअल फंड में जून के महीने में 23,587 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट हुआ, जो मई के महीने में हुए 19,013 करोड़ रुपये के इंवेस्टमेंट से ज्यादा है। 5 महीनों की गिरावट के बाद नेट इक्विटी फंड प्रवाह में यह पहली बढ़त दर्ज की गई।
नेट फ्लो दिसंबर में घटकर 41,156 करोड़ रुपये, जनवरी में 39,688 करोड़ रुपये, फरवरी में 29,303 करोड़ रुपये, मार्च में 25,082 करोड़ रुपये और अप्रैल में घटकर 24,269 करोड़ रुपये रह गया था। इस गिरावट के नतीजे से पहले नवंबर में 35,943 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट हुआ था। दूसरी ओर, लोन फंड ने समीक्षाधीन महीने में 1,711 करोड़ रुपये की नेट डिपॉजिट दर्ज की गई जबकि मई में यह 15,908 करोड़ रुपये था।
इससे पहले, अप्रैल में फंड ने 2.2 लाख करोड़ रुपये का चौंका देने वाला इंवेस्टमेंट दर्ज किया गया है। कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में जून के महीने में 49,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का इंवेस्टमेंट हुआ जो मई के महीने में 29,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
इस इंवेस्टमेंट से इंडस्ट्री की मैनेजमेंट अंडर असेट जून तक बढ़कर रिकॉर्ड 74.4 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो मई के आखिर में 72.2 लाख करोड़ रुपये थी। ज्यादातर इक्विटी सेगमेंट में जून में जहां अच्छा इंवेस्टमेंट हुआ, वहीं इक्विटी से जुड़ी बचत योजनाएं यानी ईएलएसएस एकमात्र ऐसी कैटेगरी रही जिसमें 556 करोड़ रुपये की नेट डिपॉजिट दर्ज की गई।
इक्विटी फंड कैटेगरीज में फ्लेक्सी कैप फंड ने जून महीने में सबसे ज्यादा 5,733 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट आकर्षित किया। इसके अलावा, स्मॉल कैप फंड में 4,024 करोड़ रुपये और मिड कैप फंड में 3,754 करोड़ रुपये का मजबूत निवेश हुआ। इसके अलावा लार्ज कैप फंड में 1,694 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ।