Share Market : फ्यूचर एंड ऑप्शन में 91 फीसदी कारोबारियों को हुआ घाटा

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मुम्बई। शेयर बाजार (Stock market) के फ्यूचर एंड ऑप्शन (Future and Option) में वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 91 प्रतिशत व्यक्तिगत ट्रेडरों (करोबारियों) को घाटा हुआ। सेबी के सोमवार को जारी अध्ययन में यह कहा गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में भी इसी तरह का रुझान देखा गया था।

अध्ययन के अनुसार, व्यक्तिगत ट्रेडरों का शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 2024-25 में 41 प्रतिशत बढ़कर 1,05,603 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 74,812 करोड़ रुपये था। अध्ययन में कहा गया है कि इक्विटी वायदा एवं विकल्प खंड में व्यक्तिगत कारोबारियों के लाभ और हानि के विश्लेषण से पता चलता है कि कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 91 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों को इसमें शुद्ध घाटा हुआ। वित्त वर्ष 2023-24 में भी इसी तरह का रुख देखा गया था।

सेबी ने यह विश्लेषण इक्विटी Futures and Options Segment में ट्रेडिंग गतिविधियों की समीक्षा के तहत किया है। इसका मकसद 1 अक्टूबर 2024 से लागू किए गए नए नियामक उपायों के प्रभाव का मूल्यांकन करना है, जो इस खंड में नियमों को मजबूत बनाने के लिए लाए गए थे।

सेबी ने स्पष्ट किया है कि वह निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इंडेक्स वायदा और विकल्प खंड के कारोबार पर लगातार नजर बनाए रखेगा। इन उपायों का उद्देश्य जोखिमों को रोकने के लिए बेहतर निगरानी सुनिश्चित करना है।

इस खंड के निवेशकों में आई गिरावट
इसके साथ ही, वायदा और विकल्प खंड में कारोबार करने वाले व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 20% की कमी आई है। हालांकि, यह दो साल पहले की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। वहीं, इस दौरान वायदा खंड में खरीद-बिक्री का जो कुल कारोबार हुआ, उसमें गिरावट देखी गई। अगर प्रीमियम के आधार पर देखें तो कारोबार नौ प्रतिशत कम हुआ और अगर कुल मान (नोशनल वैल्यू) के आधार पर देखें तो यह 29 प्रतिशत घटा।